किस दिन करें शिव आराधना, कौन-सा है सबसे शुभ वार...
वैसे तो भोलेनाथ की भक्ति के लिए कोई भी दिन तथा वार उत्तम है लेकिन किसी खास प्रायोजन
जैसे मानसिक शांति, आर्थिक परेशानी या मृत्युभय से मुक्ति पाने के लिए सोमवार तथा अष्टमी
का बहुत महत्व माना जाता है।
सुबह स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
किसी शिवालय में जाकर गंगा या पवित्र जल से जलधारा अर्पित करें। किसी विद्वान ब्राह्मण से
दूध, जल, शहद, घी और शक्कर से शिव अभिषेक कराया जाना भी श्रेष्ठ है।
शिव के साथ शिव परिवार की चंदन, फूल, गुड, जनेऊ, चंदन, रोली, कपूर से यथोपचार पूजा और अभिषेक पूजन करना चाहिए।
- भगवान शिव को सफेद फूल, बिल्वपत्र, धतूरा या आंकडे के फूल भी चढ़ाएं।
सोमवार को शिव को कच्चे चावल पूजा में चढ़ाकर शिव मंत्र बोलें व शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें -
सारे कष्ट मिटाए, शिव मंत्र..
.
नमो निष्कलरूपाय नमो निष्कलतेजसे।
नम: सकलनाथाय नमस्ते सकलात्मने।।
नम: प्रणववाच्याय नम: प्रणवलिङ्गिने।
नम: सृष्टयादिकर्त्रे च नम: पञ्चमुखाय ते।।
शिव स्त्रोतों और स्तुति का पाठ करें।
वैसे तो भोलेनाथ की भक्ति के लिए कोई भी दिन तथा वार उत्तम है लेकिन किसी खास प्रायोजन
जैसे मानसिक शांति, आर्थिक परेशानी या मृत्युभय से मुक्ति पाने के लिए सोमवार तथा अष्टमी
का बहुत महत्व माना जाता है।
सुबह स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
किसी शिवालय में जाकर गंगा या पवित्र जल से जलधारा अर्पित करें। किसी विद्वान ब्राह्मण से
दूध, जल, शहद, घी और शक्कर से शिव अभिषेक कराया जाना भी श्रेष्ठ है।
शिव के साथ शिव परिवार की चंदन, फूल, गुड, जनेऊ, चंदन, रोली, कपूर से यथोपचार पूजा और अभिषेक पूजन करना चाहिए।
- भगवान शिव को सफेद फूल, बिल्वपत्र, धतूरा या आंकडे के फूल भी चढ़ाएं।
सोमवार को शिव को कच्चे चावल पूजा में चढ़ाकर शिव मंत्र बोलें व शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें -
सारे कष्ट मिटाए, शिव मंत्र..
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नमो निष्कलरूपाय नमो निष्कलतेजसे।
नम: सकलनाथाय नमस्ते सकलात्मने।।
नम: प्रणववाच्याय नम: प्रणवलिङ्गिने।
नम: सृष्टयादिकर्त्रे च नम: पञ्चमुखाय ते।।
शिव स्त्रोतों और स्तुति का पाठ करें।
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