Monday 31 March 2014

नवरात्र मे नौ दिन का व्रत प्राय: सभी लोग रखते हैं

उर्जा वाली व्रत की थाली..........
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नवरात्र मे नौ दिन का व्रत प्राय: सभी लोग रखते हैं| मगर कुछ लोग ही सही डायट को फॉलो कर पाते हैं | नतीजा दो तीन दिन बाद ही तबियत खराब होने लगती है | Dehyration, बदहज़मी, सर दर्द आदि की समस्या होने लगती है | अब आप ही भला सोचिये, अस्वस्थ मन से माँ की आपकी पूजा बिना किसी बाधा के पूर्ण हो, तो व्रत के दौरान खानपान पर भी विशेष ध्यान दें |
व्रत के दौरान कमजोरी या अन्य परेशानियों से बचने के लिए हल्का फुल्का कुछ कुछ जरुर खाते रहें | अगर खा नहीं सकते , तो पेय पदार्थ जैसे ताजा फलो का जूस, दूध , छाछ अवश्य लें | इससे dehyration नहीं होगा | सादे पानी की जगह बीच बीच मे नीबू पानी या नालियल पानी भी पी सकते हैं | इससे शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है |
व्रत के दौरान अपने आहार मे फाइबर युक्त फल सब्जियों को शामिल करें |
अक्सर व्रत रखने वाले भक्त पूरे दिन हो भूखे रहते हैं, पर रात मे जैसे ही व्रत खोलने का समय आता है , वे खाने पर टूट पड़ते हैं | घी मे तली कुट्टू की पकौडियां , पूरियां आदि का सेवन खूब करने लगते हैं | जिससे शारीर मे फैट बदने लगता हैं | गैस और कब्ज़ की शिकायत भी होने लगती है | अगर आप व्रत के दौरान अपना वजन नहीं बढाना चाहते है, तो दिन मे आलू या आलू के चिप्स खाने के बजाय ताजे फल सब्जियों की सलाद खाएं | दूध से बनी खाद सामग्री, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की रोटी और घीया की सब्जी अपने भोजन मे शामिल कर सकते हैं | इसका नियमित सेवन शारीर मे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करेगा | सलाद मे खीरा, टमाटर, मूली आदि ले सकते हैं|
दही का प्रोटीन गुणकारी होता है| इससे ६० कैलोरी उर्जा मिलती है | इसलिए व्रत मे थोडा सा दही खाने से भी पेट भरा लगता है | दही खाने से प्यास भी अधिक नहीं लगती |
शाम को व्रत खोते समय एकदम से तला भुना खाने की जगह पहले कुछ फल या दही की लस्सी पिए | इससे आपका हाजमा भी अच्छा रहेगा |
खाने मे सेंधा नमक का इस्तमाल जरूर करें, नहीं तो नमक की कमी के कारण आप परेशानी मे पड़ सकते हैं | जूस या नारियल पानी और पानी प्रयाप्त मात्रा मे पियें |
उपवास के नाम पर लोग साबूदाना , आलू, सिंघाड़े और कुट्टू के आटे का प्रोयोग करते हैं | ये सारी चीज़े गरिष्ट होती हैं | ऐसे मे इनको यदि घी के साथ तैयार करते हैं, तो ये और भी गरिष्ट हो जाता है |
पानी मात्रा मे जादा पीना चाहिए ताकि शारीर मे उत्पन्न होने वाले टोक्सिन , पेशाब एवं पसीने के रूप में हमारे शारीर से बाहर निकल सकें |
कुट्टू के आटे की पूरियां बनाने की जगह कुट्टू के आटे की रोटी सेकें |

सावा के चावल की खिचड़ी दही के साथ खा सकते हैं |


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