Thursday, 3 October 2013

मानव जन्म का उद्देश्य

मानव जन्म का उद्देश्य

जब शिशु माँ के गर्भ में होता है तो वहाँ बहुत छोटी सी जगह होती है, शिशु करवट भी नहीं ले सकता ऐसी जगह होती है और रहता कहाँ है माँ के मल-मूत्र में लिपटा हुआ रहता है और वो भी उलटा लटका होता है, मल- मूत्र में लिपटे हुए पुरे नौ महीने हर मनुष्य रहता है, पैसे वाला बनेगा बाद में गरीब बनेगा बाद में गर्भ में तो सब की दशा बराबर है और शिशु जब दो-तीन महीने का होता है तो ये जो ऊपर का जो स्किन है पर्दा वो नहीं होता है सिर्फ मांस का लोथड़ा होता है और जब माँ कुछ भी नमक-मिर्च खाती है तो सीधे बच्चे को लगता है सोचिए कितना दर्द होता होगा हमे जरा सा कटता है तो कितना दर्द होता है और वहाँ तो सारा कटे के बराबर है जो शिशु नहीं सहन कर पाते हैं वो गर्भ में हीं समाप्त हो जाते है इतने कष्टों वाला है वो गर्भ। जीव कहता है भगवान मुझे इस नर्क से निकल दो , भगवान कहते हैं मैं तुझे निकाल दूंगा फिर तू मुझे क्या देगा जीव कहता है, मैं आपको क्या दे सकता हूँ मैं क्या देने लायक हूँ आपको, भगवान कहते हैं नहीं तू दे सकता है जब मैं तुझे मानव बना के भेजू तो ऐसा काम कर के आना जिससे तुझे दुबारा इस मृत्यु-लोक में ना आना पड़े इसलिए मैं तुझे इन्सान बना कर भेज रहा हूँ, मानव कहता है भगवान मैं जाऊंगा तो भूल जाऊंगा सब माया मुझे पकड़ लेगी, भगवान कहते हैं मैं तुझे याद दिला दूंगा चिंता मत करो, 

अब आप पूछ सकते है की भगवान ने आपको याद दिलाया हीं नहीं मगर ये बात नहीं है की आपको याद नहीं दिलाया हम जो आपको ये कथा के माध्यम से बता रहे है ये भगवान हीं के प्रेरणा से तो बता रहें है तुम इतने श्रेष्ठ नहीं हो की साक्षात भगवान दर्शन दे, ये वेद-पुराण सब आपको यही याद दिलाती है , हम भगवान को दोष नहीं दे सकते की आपने याद नहीं दिलाया अब हमने क्या किया ये याद करने वाली बात है क्या हमने भगवान से किया वादा पूरा किया ? भगवान का काम करने जायेंगे तो कंजूसी के साथ पार्टी करने जायेंगे तो खुले हांथो से, जो काम नर्क में ले जाये वो ज्यादा और जो काम स्वर्ग में ले जाये वो काम बहुत कम करते हैं या बिलकुल नहीं करते की हम मॉडर्न है। किसी होटल को वेटर को बीस रूपए देना कम लगता है, जब की उसे वेतन मिल रहा होता है और वहीं सड़क पे बैठे भिखारी को बीस रुपया देना बहुत ज्यादा लगता जब की उसे असल में जरुरत है जो काम भगवान के धाम में ले जाये वो काम नहीं करते और जो काम नर्क में ले जाये वही करते हो, पूजा-पाठ के लिए समय नहीं होता है और डिस्को जाने के लिए बहुत समय होता है तू अपनी इतनी छोटी सी दुनियां में भगवान को भूल गया और भगवान जो जगत पिता हैं उन्होंने तुझे नहीं भुलाया वो हर पल तुझे याद करता रहा, क्यों ? तू ज्यादा महान है? नहीं, अगर चाहते हो मेरे भाई - बहन की तुम्हारा कल्याण हो तो मानव - जीवन का सदुपयोग करो।

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