Thursday 29 May 2014

क्रोध करने से मनुष्य का चेहरा कुरूप हो जाता है,



क्रोध करने से मनुष्य का चेहरा कुरूप हो जाता है, उसे पीड़ा होती है, वह गलत

 काम करता है, उसकी संपत्ति नष्ट हो जाती है, उसकी बदनामी होती है, उसके 

मित्र और सगे-संबंधी उसे छोड़ देते हैं और उस पर तरह-तरह के संकट आते हैं।

भगवान गौतम बुद्ध के अनुसार क्रोध और क्षोभ उत्पन्न होने पर इससे पांच प्रकार से छुटकारा पाया जा सकता है :-

1. मैत्री से : जिस आदमी के प्रति क्रोध या क्षोभ हो, उसके प्रति मैत्री की भावना करो।

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2. करुणा से : जिस आदमी के प्रति क्रोध या क्षोभ हो, उसके प्रति करुणा की भावना करो।

3. मुदिता : जिस आदमी के प्रति क्रोध या क्षोभ हो, उसके प्रति मुदिता की भावना करो।

4. उपेक्षा से : जिस आदमी के प्रति क्रोध या क्षोभ हो, उसके प्रति उपेक्षा की भावना करो।

5. कर्मों के स्वामित्व की भावना से : जिस आदमी के प्रति क्रोध या क्षोभ हो, उसके बारे में ऐसा सोचो कि वह जो कर्म करता है, उसका फल अच्छा हो या बुरा, उसी को भोगना पड़ेगा।
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