Thursday 8 May 2014

शनिवार उपाय: यह शनि मंत्र बोलने से भाग्य देगा साथ, मिलेगी सफलताएं

 शास्त्रों के मुताबिक न्यायाधीश शनिदेव शुभ विचार, व्यवहार और कर्मों को अपनाने वाले इंसान पर ऐसी कृपा करते हैं कि सफलता, सुख वैभव पाने में रही सारी अड़चनों और भाग्यबाधा का अंत हो जाता है। यानी शनि की प्रसन्नता तंगहाल को भी खुशहाल मालामाल बनाने वाली सिद्ध होती है।

शनिवार (26 अप्रैल) की शुभ घड़ी में  शनि दशाओं जैसे साढ़े साती, ढैय्या में या शनि दोष से दु:-दुर्भाग्य से बचने और दूर करने के लिये शास्त्रों में बताए इस शनि मंगल मंत्र का पाठ बहुत ही अचूक फल देने वाला होता है। जानिए, इस शुभ संयोग पर यह छोटे-सा शनि मंगल स्तोत्र  सरल शनि पूजा विधि-

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शनिवार को सुबह शाम जल में काले तिल डालकर स्नान के बाद यथासंभव काले या नीले वस्त्र पहन शनि मंदिर में शनि की काले पाषाण की चार भुजा युक्त मूर्ति का पवित्र जल से स्नान कराकर तिल या सरसों का तेल अर्पित करें। काले तिल, काले या कोई भी फूल, काला वस्त्र, तेल से बने पकवान का भोग लगाकर नीचे लिखे शनि मंगल मंत्र स्तोत्र को नीले आसन पर बैठ सुख, यश, वैभव, सफलता शनि पीड़ा से मुक्ति की कामना के साथ बोलें-

मन्द: कृष्णनिभस्तु पश्चिममुख: सौराष्ट्रक: काश्यप:
स्वामी नक्रभकुम्भयोर्बुधसितौ मित्रे समश्चाङ्गिरा:
स्थानं पश्चिमदिक् प्रजापति-यमौ देवौ धनुष्यासन:
षट्त्रिस्थ: शुभकृच्छनी रविसुत: कुर्यात् सदा मंङ्गलम्।। 
- यह मंत्र स्तुति बोलने के बाद धूप, तेल के दीप कर्पूर से आरती करें तेल के पकवान का प्रसाद ग्रहण करें शनि का समर्पित किया काला धागा दाएं हाथ की कलाई या गले में पहने। 


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