पुराने समय से ही घर में किए जाने वाले कार्यों और वस्तुओं से संबंधित कई परंपराएं
प्रचलित
हैं। आमतौर पर सभी के घरों में कुछ न कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जो टूटी-फूटी होती हैं, बेकार
होती हैं, फिर भी किसी कोने में पड़ी रहती हैंं।
कुछ वस्तुएं ऐसी बताई गई हैं जो टूटी-फूटी अवस्था में घर में कतई नहीं रखनी चाहिए। यदि
कुछ वस्तुएं ऐसी बताई गई हैं जो टूटी-फूटी अवस्था में घर में कतई नहीं रखनी चाहिए। यदि
ये चीजें घर में होती हैं तो इनका नकारात्मक असर परिवार के सभी सदस्यों पर बहुत जल्दी
होता है। इन चीजों के बुरे असर से मानसिक तनाव बढ़ता है और कार्यों में गति नहीं बन पाती
है। इस वजह से धन संबंधी कार्यों में असफलता मिलने लगती है। इन चीजों के प्रभाव से
महालक्ष्मी की कृपा भी नहीं मिल पाती है।
- काफी लोगों के घरों में टूटे-फूटे बर्तन रखे रहते हैं जो अशुभ प्रभाव देते हैं। शास्त्रों के
अनुसार, घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखना चाहिए। यदि ऐसे बर्तन घर में रखे जाते हैं तो
इससे
महालक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं और दरिद्रता का प्रवेश हमारे घर में हो सकता है। टूटे-फूटे और
बेकार बर्तन घर में जगह घेरते हैं, जिससे वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है। वास्तु दोष उत्पन्न
होने पर नकारात्मक फल मिलने लगते हैं।
टूटा हुआ दर्पण रखना वास्तु के अनुसार एक बड़ा दोष है। इस दोष के कारण घर में
नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना
करना पड़ता है।
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी का पलंग टूटा हुआ बिल्कुल न
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी का पलंग टूटा हुआ बिल्कुल न
हो। यदि पलंग ठीक नहीं होगा तो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने की
संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।
- खराब घड़ियां घर में नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे
- खराब घड़ियां घर में नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे
घर-परिवार की उन्नति निर्धारित होती है। यदि घड़ी सही नहीं होगी तो परिवार के सदस्य
कार्य पूर्ण करने में बाधाओं का सामना करेंगे और काम तय समय में पूर्ण नहीं हो पाएगा।
यदि घर में कोई टूटी हुई तस्वीर हो तो उसे भी घर से हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार यह
भी वास्तु दोष उत्पन्न करती है।
- घर में यदि कोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तु खराब है या टूटी हुई है तो उसे भी घर से हटा देना
- घर में यदि कोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तु खराब है या टूटी हुई है तो उसे भी घर से हटा देना
चाहिए।
- यदि घर का मुख्य दरवाजा या अन्य कोई दरवाजा कहीं से टूट रहा हो तो उसे तुरंत ठीक
- यदि घर का मुख्य दरवाजा या अन्य कोई दरवाजा कहीं से टूट रहा हो तो उसे तुरंत ठीक
करवा लेना चाहिए। दरवाजे में टूट-फूट अशुभ मानी गई है।
- घर का फर्नीचर भी एकदम सही हालत में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार फर्नीचर में टूट-
- घर का फर्नीचर भी एकदम सही हालत में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार फर्नीचर में टूट-
फूट बुरा असर डालती है।
वास्तु दोष उत्पन्न होने पर घर-परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना
वास्तु दोष उत्पन्न होने पर घर-परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना
पड़ सकता है। जिस घर में वास्तु दोष होते हैं, वहां पैसों की कमी बनी रहती है। अत: इन दोषों
को निवारण तुरंत ही कर लेना चाहिए।
घर का उत्तर-पूर्व भाग ज्यादातर खाली ही रखना चाहिए। यहां सामान रखना वास्तु दोष उत्पन्न करता है।
- घर का भारी सामान या अनावश्यक वस्तुएं घर के दक्षिण-पश्चिम भाग में रखनी चाहिए। अन्य किसी स्थान पर भारी सामान रखना वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है।
- घर में बाथरूम या रसोईघर के लिए पानी की सप्लाई उत्तर-पूर्व दिशा से होनी चाहिए।
- शयनकक्ष में पलंग का सिरहाना दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। ध्यान रखें, सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा में व पैर उत्तर दिशा में हों तो बेहतर रहता है। यदि ऐसा न हो तो पश्चिम दिशा में सिरहाना रख सकते हैं।
- घर का भारी सामान या अनावश्यक वस्तुएं घर के दक्षिण-पश्चिम भाग में रखनी चाहिए। अन्य किसी स्थान पर भारी सामान रखना वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है।
- घर में बाथरूम या रसोईघर के लिए पानी की सप्लाई उत्तर-पूर्व दिशा से होनी चाहिए।
- शयनकक्ष में पलंग का सिरहाना दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। ध्यान रखें, सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा में व पैर उत्तर दिशा में हों तो बेहतर रहता है। यदि ऐसा न हो तो पश्चिम दिशा में सिरहाना रख सकते हैं।
- घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्व न लगाएं।
खाना खाते समय ध्यान रखें कि आपका मुख दक्षिण-पूर्व दिशा में हो। ऐसा करने पर भोजन से पूर्ण शक्ति प्राप्त होती है और वास्तु दोषों का नाश होता है।
- वास्तु के अनुसार सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि घर का पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि किसी अन्य दिशा में मंदिर हो तो पानी ग्रहण करते समय मुख ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होगा तो बेहतर रहेगा।
- ध्यान रखें, यदि भवन के सामने उत्तर-पूर्व दिशा का फर्श दक्षिण-पश्चिम में बने फर्श से ऊंचा है तो दक्षिण-पश्चिम दिशा के फर्श को ऊंचा करें। ऐसा नहीं कर सकते तो पश्चिम दिशा के कोने में एक प्लेटफॉर्म अवश्य बनवाएं।
- प्रवेश द्वार के सामने फूलों की सुंदर तस्वीर लगाएं। द्वार के सामने लगाने के लिए सूरजमुखी के फूलों की तस्वीर पवित्र और शुभ मानी गई है।
- वास्तु के अनुसार सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि घर का पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि किसी अन्य दिशा में मंदिर हो तो पानी ग्रहण करते समय मुख ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होगा तो बेहतर रहेगा।
- ध्यान रखें, यदि भवन के सामने उत्तर-पूर्व दिशा का फर्श दक्षिण-पश्चिम में बने फर्श से ऊंचा है तो दक्षिण-पश्चिम दिशा के फर्श को ऊंचा करें। ऐसा नहीं कर सकते तो पश्चिम दिशा के कोने में एक प्लेटफॉर्म अवश्य बनवाएं।
- प्रवेश द्वार के सामने फूलों की सुंदर तस्वीर लगाएं। द्वार के सामने लगाने के लिए सूरजमुखी के फूलों की तस्वीर पवित्र और शुभ मानी गई है।
- घर के आस-पास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है तो उसे तुरंत हटा दें।
घर के सदस्य परस्पर सहयोग व शांति से रहें। लड़ने-झगड़ने अथवा चिल्लाकर बोलने से
आभामंडल पर बुरा असर होता है।
- घर का प्रवेश द्वार सदैव साफ-सुथरा रखें। प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी
- घर का प्रवेश द्वार सदैव साफ-सुथरा रखें। प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी
चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती रहेगी।
- यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं, ताकि बाहर का
- यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं, ताकि बाहर का
कचरा अंदर ना सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।
- प्रवेश द्वार पर गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर या स्टिकर आदि लगाए जा सकते हैं। यदि
- प्रवेश द्वार पर गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर या स्टिकर आदि लगाए जा सकते हैं। यदि
आप चाहें तो दरवाजे पर ऊँ भी लिख सकते हैं। घर के प्रवेश द्वार पर ये शुभ चिह्न बनाने से
देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
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