ॐ का उच्चारण क्यों करते
है
हिंदू में ॐ शब्द के उच्चारण को बहुत शुभ माना जाता
है. प्रायः सभी मंत्र ॐ से शुरू होते है|
ॐ
शब्द का मन, चित्त, बुद्धि और हमारे आस पास के वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव
पड़ता है|
ॐ ही एक ऐसा शब्द है जिसे अगर पेट से बोला जाए तो दिमाग
की नसों में कम्पन होता है|
इसके अलावा ऐसा कोई भी
शब्द नही है जो ऐसा प्रभाव डाल सके|
ॐ शब्द तीन अक्षरो से मिल कर बना है जो है “अ”, “उ” और “म”| जब हम पहला अक्षर “अ”
का उच्चारण करते है तो हमारी वोकल कॉर्ड या स्वरतन्त्री
खुलती है और उसकी वजह से हमारे
होठ भी खुलते है| दूसरा अक्षर “उ”
बोलते समय मुंह पुरा खुल जाता है और अंत में “म” बोलते
समय होठ वापस मिल
जाते है|
अगर आप गौर से देखेंगे तो ये जीवन का सार है पहले जन्म
होता है,
फिर सारी भागदौड़ और अंत में आत्मा का परमात्मा से मिलन|
ॐ के तीन अक्षर आद्यात्म के हिसाब से भी ईश्वर और
श्रुष्टि के प्रतीकात्मक है| ये
मनुष्य की
तीन अवस्था (जाग्रत, स्वपन, और सुषुप्ति), ब्रहांड के तीन देव (ब्रहा, विष्णु और महेश) तीनो
लोको (भू, भुवः और स्वः) को दर्शाता है. ॐ अपने आप में सम्पूर्ण मंत्र है
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