Monday 26 August 2013

धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो - प्राणियो में सदभावना हो

धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो - प्राणियो में सदभावना हो - विश्व का कल्याण हो - गोबध बंद हो - भारत अखंड हो - सनातन समिधान शास्त्रीय हो - धर्म और शिक्षा में सरकारी हस्तक्षेप बंद हो - ''धर्ममेण शासिते राष्टेय न च बधा प्रवर्तते'' - धर्म शासित राष्ट होगा तो कोई बाधा उत्पन्न हो ही नही सकती .. धर्म यानि बैल जो भगवान शंकर का वाहन है {बैल} अगर वही नही बचेगा तो सब कुच्छ गुड गोबर हो जायेगा . गोवंश कैसे बचे . भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बने आईये सनातन वेद - शास्त्रो के अनुसार विचार करे ? ''सा धेनुवर्र्दास्तु मे'' . ''नमस्ते जायमानायै जाताया उत ते नमः ! बालेभ्यः शफेभ्यो रुपयाध्न्ये ते नमः !!'' हे अवध्य गौ ! उत्पन्न होते समय तुम्हे नमस्कार और उत्पन्न होने पर भी तुम्हे प्रणाम . तुम्हारे रूप {शरीर } रोम और खुरो को भी प्रणाम !! समुंदर मंथन के समय पांच गौए उत्पन हुई उनके नाम नंदा ,सुभद्रा , सुरभी , सुशीला और बहुला पडा . ये सभी पाचो गायो को लोक कल्याण निमित देवताओ को बलिष्ठ बनाये रखने के लिये हविष्य हेतु दूध ,दही ,घी की नदीया बहाने और ब्राह्मणो का सहयोग करने हेतु श्रीहरी द्वारा प्रकाटय किया गया .इनको हमारे विद्वान ब्राह्मण महर्षी जमदग्नी ,भारद्वाज ,असित , वशिसठ ,और गौतम मुनि को समर्पित किया गया .क्योकी ब्राह्मणो में नारायण ने मंत्र बल की प्रतिष्ठा की है, इनके अलावा भगवान ने वेद और अग्नी को भी प्रगट किया ताकी ब्राह्मण वेदो को पडकर मन्त्रो से घी ''हविष्य'' के सहयोग से अग्नी में आहुती दे .और देवता वलीष्ठ हो कर हम मानवो की रक्षा करे . भगवान ने कहा गौए से उत्पन्न दूध ,दही ,घी , गोबर ,मूत्र और रोचना ये छः अंग {गोषडण्ग} अत्यंत पवित्र है,प्राणियो के सभी पापो को समाप्त कर उन्हे शुद्द करने वाला है .ब्राह्मणो में मन्त्रो का निवास है गायो में हविष्य स्थित है ; इन दोनो के संयोग से ही विष्णु स्वरूप यग्य संपन्न होते है {यज्ञो वै विष्णु : } गायो से ही यग्य की प्रवर्ति होती है और गायो में सभी देवताओ का निवास है . छहो अंगो -शिक्षा ,कल्प ,निरुक्त ,व्याकरण ,छंद ,जोतिषी और पद ,जटा, शिखा, रेखा आदि क्रमो के साथ सभी वेद गायो में ही सुप्रतिष्ठीत है . गायो को बचाने के लिये वेद पडने वाले ब्राह्मणो को बडाना होगा . वेदो की शिक्षा अनिवार्य करनी होगी . जब वेद पाठी ब्राह्मण यग्य करेंगे तो शुद्ध गाय के घी की आवश्यकता होगी . एक वेदो को जानने वाला ही शुद्ध गाय के घी की महत्ता को समझ सकता है . जब शुद्ध यग्य होंगे तब देवता बलिष्ठ , प्रसन्न हो कर समय पर वर्षा करेंगे , वर्षा से जल और हरे चारे की समुचित व्यवस्था होगी गायो को हरे चारे की प्रचुर मात्रा में प्राप्ति पर दूध की नदीया बहेंगी. गौ दूध खूब मिलने से सभी मानवो की बुद्धी सतोगुणी होगी, जीससे संसार में प्रेम और भाईचारे का वातावरण बनेगा . जब भाई चारे का वातावरण ही हो जायेगा तो कोई भी एक दुसरे की निंदा ,हिंसा, अपकार नही करेगा . इस सब के जड में गोमाता के दूध का चमत्कार ही छुपा है . आज पैकेट और सिंथेटिक दूध की वजह से मनवो का धन ,मन, तन सब खतरे में है . अगर हम सब लोग सिर्फ गोमाता का ही दूध पीने का संकल्प ले लेंगे तो हर हालत में {गव्ली} दूध बेचने वाले को भी भैस और नकली दूध की जगह गायो को पलना पडेगा गाय के दूध का व्यापार करना पडेगा . ताकी उसका व्यापार बंद ना हो . इससे ग्वली का धन और धर्म दोनो बडेगा जीससे उसका इस लोक और परलोक सुधरेग . देखा गाय के दूध पीने से कितने बडे -बडे सत्य धर्मका पालन अपने आप हो जाते है . गोमाता के बेटो- भक्तो से अपील एक बार जरूर पडे .


2 comments:

  1. सनातनी विचार !
    धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो - प्राणियो में सदभावना हो - विश्व का कल्याण हो - गोबध बंद हो - भारत अखंड हो - सनातन समिधान शास्त्रीय हो - धर्म और शिक्षा में सरकारी हस्तक्षेप बंद हो - ''धर्ममेण शासिते राष्टेय न च बधा प्रवर्तते'' - धर्म शासित राष्ट होगा तो कोई बाधा उत्पन्न हो ही नही सकती। .

    धर्म यानि बैल जो भगवान शंकर का वाहन है {बैल} अगर वही नही बचेगा तो सब कुच्छ गुड गोबर हो जायेगा . गोवंश कैसे बचे . भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बने आईये सनातन वेद - शास्त्रो के अनुसार विचार करे ? ''सा धेनुवर्र्दास्तु मे'' . ''नमस्ते जायमानायै जाताया उत ते नमः ! बालेभ्यः शफेभ्यो रुपयाध्न्ये ते नमः !!'' हे अवध्य गौ ! उत्पन्न होते समय तुम्हे नमस्कार और उत्पन्न होने पर भी तुम्हे प्रणाम . तुम्हारे रूप {शरीर } रोम और खुरो को भी प्रणाम !! समुंदर मंथन के समय पांच गौए उत्पन हुई उनके नाम नंदा ,सुभद्रा , सुरभी , सुशीला और बहुला पडा . ये सभी पाचो गायो को लोक कल्याण निमित देवताओ को बलिष्ठ बनाये रखने के लिये हविष्य हेतु दूध ,दही ,घी की नदीया बहाने और ब्राह्मणो का सहयोग करने हेतु श्रीहरी द्वारा प्रकाटय किया गया .इनको हमारे विद्वान ब्राह्मण महर्षी जमदग्नी ,भारद्वाज ,असित , वशिसठ ,और गौतम मुनि को समर्पित किया गया .क्योकी ब्राह्मणो में नारायण ने मंत्र बल की प्रतिष्ठा की है, इनके अलावा भगवान ने वेद और अग्नी को भी प्रगट किया ताकी ब्राह्मण वेदो को पडकर मन्त्रो से घी ''हविष्य'' के सहयोग से अग्नी में आहुती दे .और देवता वलीष्ठ हो कर हम मानवो की रक्षा करे . भगवान ने कहा गौए से उत्पन्न दूध ,दही ,घी , गोबर ,मूत्र और रोचना ये छः अंग {गोषडण्ग} अत्यंत पवित्र है,प्राणियो के सभी पापो को समाप्त कर उन्हे शुद्द करने वाला है .ब्राह्मणो में मन्त्रो का निवास है गायो में हविष्य स्थित है ; इन दोनो के संयोग से ही विष्णु स्वरूप यग्य संपन्न होते है {यज्ञो वै विष्णु : } गायो से ही यग्य की प्रवर्ति होती है और गायो में सभी देवताओ का निवास है . छहो अंगो -शिक्षा ,कल्प ,निरुक्त ,व्याकरण ,छंद ,जोतिषी और पद ,जटा, शिखा, रेखा आदि क्रमो के साथ सभी वेद गायो में ही सुप्रतिष्ठीत है . गायो को बचाने के लिये वेद पडने वाले ब्राह्मणो को बडाना होगा . वेदो की शिक्षा अनिवार्य करनी होगी . जब वेद पाठी ब्राह्मण यज्ञं करेंगे तो शुद्ध गाय के घी की आवश्यकता होगी . एक वेदो को जानने वाला ही शुद्ध गाय के घी की महत्ता को समझ सकता है . जब शुद्ध यज्ञं होंगे तब देवता बलिष्ठ , प्रसन्न हो कर समय पर वर्षा करेंगे , वर्षा से जल और हरे चारे की समुचित व्यवस्था होगी गायो को हरे चारे की प्रचुर मात्रा में प्राप्ति पर दूध की नदीया बहेंगी. गौ दूध खूब मिलने से सभी मानवो की बुद्धी सतोगुणी होगी, जीससे संसार में प्रेम और भाईचारे का वातावरण बनेगा . जब भाई चारे का वातावरण ही हो जायेगा तो कोई भी एक दुसरे की निंदा ,हिंसा, अपकार नही करेगा . इस सब के जड में गोमाता के दूध का चमत्कार ही छुपा है . आज पैकेट और सिंथेटिक दूध की वजह से मनवो का धन ,मन, तन सब खतरे में है . अगर हम सब लोग सिर्फ गोमाता का ही दूध पीने का संकल्प ले लेंगे तो हर हालत में {गव्ली} दूध बेचने वाले को भी भैस और नकली दूध की जगह गायो को पलना पडेगा गाय के दूध का व्यापार करना पडेगा . ताकी उसका व्यापार बंद ना हो . इससे ग्वली का धन और धर्म दोनो बडेगा जीससे उसका इस लोक और परलोक सुधरेग . देखा गाय के दूध पीने से कितने बडे -बडे सत्य धर्मका पालन अपने आप हो जाते है .
    गौ चरणों के दास का निवेदन गोमाता के बेटो- भक्तो से एक बार जरूर पडे .सायद आपके मन में विचार कोई परिवर्तन कर दें और आप गौ-दुग्ध की मांग करने लगें और गौ वंश बचाने में आपके कदम बढ़ जाएँ।

    ''नयाल सनातनी''

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  2. हर हर महादेव से पहले क्या बोलते है?

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