राधा रानी का नाम अगर जुबान पर रहे तो जीवन
की सारी मुश्किलें , सारी कठिनाइयाँ स्वतः ही नष्ट हो जाएंगी।
की सारी मुश्किलें , सारी कठिनाइयाँ स्वतः ही नष्ट हो जाएंगी।
भक्ति एक ऐसा मार्ग है जो जीव को भगवान के
श्रीचरणों की ओर अग्रसर करता है।
श्रीचरणों की ओर अग्रसर करता है।
कलयुग का जीव
अगर
भागवत श्रवण करता है तो ये भागवत जीव के जीवन के
सारी व्यथा को हर लेती है।
अगर
भागवत श्रवण करता है तो ये भागवत जीव के जीवन के
सारी व्यथा को हर लेती है।
भगवान की कथा उन सब
का बेडा पार
करती है जो उसकी शरणागती होते हैं। जिस
का बेडा पार
करती है जो उसकी शरणागती होते हैं। जिस
कथा को आज हम
श्रवण रहे हैं देवतागण भी इस
कथा को श्रवण करने पृथ्वी पर आए थे।
श्रवण रहे हैं देवतागण भी इस
कथा को श्रवण करने पृथ्वी पर आए थे।
जब शुक
जी महाराज
राजा परीक्षित को कथा श्रवण करा रहे थे उस समय
देवता अमृत लेकर आए और शुक जी महाराज से कहा की ये
अमृत
आप राजा परीक्षित को पान करा दीजिये और इसके
बदले में
कथा का पान हमें करा दीजिये।
जी महाराज
राजा परीक्षित को कथा श्रवण करा रहे थे उस समय
देवता अमृत लेकर आए और शुक जी महाराज से कहा की ये
अमृत
आप राजा परीक्षित को पान करा दीजिये और इसके
बदले में
कथा का पान हमें करा दीजिये।
महाराज श्री ने कहा कि मानव मात्र का परम लक्ष्य
भगवान
का चिंतन होना चाहिए ,
भगवान
का चिंतन होना चाहिए ,
लेकिन मानव माया के
वशीभूत होकर
अपना कर्तव्य भूल जाता है।
वशीभूत होकर
अपना कर्तव्य भूल जाता है।
जिस ईश्वर ने हमें
बनाया उसी के
लिए हमारे पास समय नहीं है ,
बनाया उसी के
लिए हमारे पास समय नहीं है ,
जहाँ नारायण का पूजन
होता है
वहीँ लक्ष्मी का वास होता हैं।
होता है
वहीँ लक्ष्मी का वास होता हैं।
मानव का धर्म है
कि वह
अपनी दिनचर्या में से कुछ क्षण भगवान के लिए निकlले
उनका ध्यान करे व पूजन करे।
कि वह
अपनी दिनचर्या में से कुछ क्षण भगवान के लिए निकlले
उनका ध्यान करे व पूजन करे।
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