Saturday 7 June 2014

तेरी बंसी की धुन जो बजती है सारी सखियों को प्यारी लगती है

आजा आजा रे सांवरिया मिलने यमुना किनारे ,
मोरी थाम ले कलयिया मोहन यमुना किनारे |
आई ओड़ के चुनरिया मैं तो यमुना किनारे ,
मेरा घुंघटा उठादे मिहन यमुना किनारे ,
तोसे अंखिया मिलाऊँगी मैं यमुना किनारे
तोहे माखन खिलाऊँगी मैं यमुना किनारे ,
ठंडी छाछ पिलाऊंगी मैं यमुना किनारे ,
आजा गैया तू चराने मोहन यमुना किनारे
मोहे दर्शन दिखादे यमुना किनारे ,
मीठी बांसुरी बजा दे यमुना किनारे ,
छम छम नाचूंगी मैं तेरे संग यमुना किनारे 
"
जय श्री राधे कृष्णा "

 लूट के ले गया दिल जिगर, संवारा जादूगर।
संवारा मेरा संवारा, संवारा मेरा संवारा॥
मैं तो गयी भरने को यमुना से पानी,
देख छबि नटखट की हुई मैं दीवानी,
उसने मारी जो तिरछी नज़र, संवारा जादूगर।
तान सुनी बांसुरी की सुध बुध मैं खोई,
भूल गयी लोकलाज बस तेरी मैं होई,
छोड़ के तुझ को जाऊं किधर, संवारा जादूगर।
बाँध ली रमण तुझ से आशा की लडियां,
हैं यही तमन्ना शेष जीवन की घडिया,
तेरे चरणों में जाए गुजर, संवारा जादूगर।
 कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृन्दावन में 
तेरे मथुरा में तेरे गोकुल में तेरे प्यारे प्यारे नज़ारो में 
कान्हा खो गया ...........
तेरी यमुना की ये जो धारा है, 
लाखो पापियों को इसने तारा है 
कैसा जादू भरा इसकी लहरों में 
कान्हा खो गया .........
तेरी बंसी की धुन जो बजती है 
सारी सखियों को प्यारी लगती है 
कैसी मस्ती भरी इसकी तानो में 
कान्हा खो गया दिल मेरा ......
तेरे दर्शनों से चैन मिलता है 
फूल मुरझाया मन का खिलता है 
कैसा आनंद भरा तेरे दर्शन में 
कान्हा खो गया दिल मेरा ....
तेरे प्रेमियों को बुलावा आता है 
मन पंछी बन उड़ जाता है 
कैसा उत्सव भरा तेरे सत्संग में 
कान्हा खो गया दिल मेरा .....
 भगवन तुम्हारे चरणों मे, मै तुम्हे रिझाने आई हू।
वाणी मे तनिक मिठास नहीं, पर विनय सुनाने आई हू
प्रभु का चरणामृत लेने को, है पास मेरे कोई पात्र नहीं।
आँखों के दोनों प्याले मे, कुछ भीख मांगने आई हू
तुमसे लेकर क्या भेंट धरु, भगवन ! आप के चरणों मे।
मे भिक्षुक हू तुम दाता हो, सम्बन्ध बताने आई हू
सेवा को कोई वस्तु नहीं, फिर भी मेरा साहस देखो।
रो-रोकर आज आंसुओ का, मै हार चढाने आई हू
''जय श्री राधे कृष्णा ''
















































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