पपीता
पपीता न सिर्फ़ एक फ़ल है बल्कि औषधिय गुणों का खजाना है।
इस फ़ल में प्रोटीन, बीटा- केरोटीन, थायमिन, रीबोफ़्लेविन और कई विटामिन्स पाए जाते है। प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी के साथ ही कुछ मात्रा में विटामिन-डी भी मिलता है। पपीता पेप्सिन नामक पाचक तत्व का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत है। इसमें कैल्शियम और कैरोटीन भी अच्छी मात्रा में मिलता है। इसके अलावा फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी होता है। पपीता सालभर बाजार में उपलब्ध होता है।
पपीते के पेड से निकलने वाला दूध मुहाँसो पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है। फ़लों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीडे मर जाते है और बाहर निकल आते है।
पपीते की जड (१० ग्राम) और कुल्थी (५० ग्राम) का मिश्रण लेकर काढा बनाकर लेने से बवासीर में फ़ायदा होता है। पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रारोग में फ़ायदा होता है। पपीता पित्त नाशक, वीर्यवर्धक और एक उत्तम पाचक फ़ल है।
इस पौष्टिक और रसीले फल से कई विटामिन मिलते हैं, नियमित रूप से खाने से शरीर में कभी विटामिन्स की कमी नहीं होती। बीमार व्यक्ति को दिए जाने वाले फलों में पपीता भी शामिल होता है, क्योंकि इसके एक नहीं, अनेक फायदे हैं
इस फ़ल में प्रोटीन, बीटा- केरोटीन, थायमिन, रीबोफ़्लेविन और कई विटामिन्स पाए जाते है। प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी के साथ ही कुछ मात्रा में विटामिन-डी भी मिलता है। पपीता पेप्सिन नामक पाचक तत्व का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत है। इसमें कैल्शियम और कैरोटीन भी अच्छी मात्रा में मिलता है। इसके अलावा फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी होता है। पपीता सालभर बाजार में उपलब्ध होता है।
पपीते के पेड से निकलने वाला दूध मुहाँसो पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है। फ़लों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीडे मर जाते है और बाहर निकल आते है।
पपीते की जड (१० ग्राम) और कुल्थी (५० ग्राम) का मिश्रण लेकर काढा बनाकर लेने से बवासीर में फ़ायदा होता है। पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रारोग में फ़ायदा होता है। पपीता पित्त नाशक, वीर्यवर्धक और एक उत्तम पाचक फ़ल है।
इस पौष्टिक और रसीले फल से कई विटामिन मिलते हैं, नियमित रूप से खाने से शरीर में कभी विटामिन्स की कमी नहीं होती। बीमार व्यक्ति को दिए जाने वाले फलों में पपीता भी शामिल होता है, क्योंकि इसके एक नहीं, अनेक फायदे हैं
आसानी से अवशोषित होने से यह शरीर को काफी जल्दी फायदा पहुंचाता है। पपीता एक ऐसा फल है, जो कच्चा और पका हुआ दोनों ही रूप में खाया जाता है। कच्चा फल हरे रंग का दिखाई देता है, अधिकतर इसकी सब्जी बनाई जाती है। फल के रूप में ज्यादातर पका हुआ पपीता ही खाया जाता है।
गुण
पपीता पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और पेट के रोग भी दूर होते हैं। पपीता पेट के तीन प्रमुख रोग आम, वात और पित्त तीनों में ही राहत पहुंचाता है। यह आंतों के लिए उत्तम होता है।
पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन-ए होता है। इसलिए यह आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे आंखों की रोशनी तो अच्छी होती ही है, त्वचा भी स्वस्थ, स्वच्छ और चमकदार रहती है।
पपीते में कैल्शियम भी खूब मिलता है। इसलिए यह हड्डियां मजबूत बनाता है।
यह प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है।
पपीता फाइबर का अच्छा स्रोत है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, कैंसर रोधी और हीलिंग प्रॉपर्टीज भी होती है।
जिन लोगों को बार-बार सर्दी-खांसी होती रहती है, उनके लिए पपीते का नियमित सेवन काफी लाभकारी होता है। इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है।
इसमें बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास के लिए ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। शरीर को पोषण देने के साथ ही रोगों को दूर भी भगाता है।
विरेचक होने की वजह से पपीते का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिये वर्जित माना जाता है।
विरेचक होने की वजह से पपीते का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिये वर्जित माना जाता है।
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