Wednesday, 16 April 2014

दूध किंणरो

"दूध किंणरो" ? कहांणी पढ़ अर जवाब देवौ सा..!!
एक जाट हो। जिंणरो नांव कोंनो हो। कांनों खेत में जांवतो। झमकूड़ी उंणरी लुगाई रोटी बाटी कर अर भातो ले अर आंवती। जद काँनो गोल खोल अर रोटी जीमतो तो, झमकूड़ी धोंल्या ने पाँणी पाय चराय अर खेत में सूड़ सवाड़ करती। कांनो अँर झमकूड़ी दौनूं धणी लुगाई घणा सोरा हा। एक हो छोरो। जिंणरो नांव हो नैन्यो।
एक वाला री बात है। भाता नै मोड़ो ह्वेगो, दिन माथे आयगो नैंन्यो जागियो नीं हो। रोटी करण में झमकूड़ी नें झूंझल आंवण लागी। जेहड़ी तेहड़ी रोट्यां बणी बणाी ले, अर नैन्या नै समालियो। नैन्यों धापोड़ो हो। थणां में दूध आयोड़ो हो। झमकूड़ी एक वाटकड़ी में दूध काड़ लियो, के आगे खेतां जाय अर पासूँ। नैन्या ने लारे मगरां माथै, झोली में घाल, अर माथा माथै बलदां रै चारो अर एक हाथ में छा राबड़ी रो कुलड़ो दूजोड़ा हाथ में भातो अर चोरा रे दूध ले, वैगी वैगी व्हीर ह्वेगी। खेतां जांय, खेजड़ियां रे पाखती भातो मेल, दूध रे अर भाता रे माथे आडी रो ढाकण देय। काँना रे पाखती सूं धोलयां नै लैगी पांणी पावण। कांनों रोटी जीमण नै खैजड़िया रे पाखतो गियो। एक रोटली दूध में मसल अर जीमली। पछे छा-राब, धापअर जीमी। जितरेक में झमकूड़ी धोलयां ने पाणी आप आयगी पूलो निर्यो, अर नैन्या नै लेय अर बूझ्यो :- नैन्या रा काका :- बाटक्डों में लो दूध कठै ? कांनों राबड़ी रो कुलड़ो धोंवतो थको कयो : थूं धूध घणो ल्याई जिंणसूं बूझै है। एक टीपरीक तो दूधल्याई। बूझै है के दूध कठे। एक रोटड़ी नीट चुरीजी हो. झमकूड़ी बोली :- अरे रांम राम गजब ह्वेगा। दूध म्हूं तो म्हारा थाणां रो नैन्या खातर ल्याई ही। थें खायगा। कांनो बोल्यो :- अरे रां राम गजब ह्वेगा। दूध तो मां रो बीवे है, अर म्हूँ लगाई रो पी लियो। बेटी की बाप, पैली कैणो तो हो। पिए अबै कांई ह्वे। अबै आंपणं तो घरवास नीं रैवै। झमकूड़ी अर कांनो, घणो पिसतावो कर्यो. जद भैला रैय एक दूजा नै बोलै बतलावै तो क्यै कैवै। कियां रेवे, झूंझल आंवण लागी। किणओं सू बूंझ्यो जद वो बोल्यो :- जायल रा जाट पाखथी, जाय, थे थांरो न्याव करावो।
कांना रे अर झमकूड़ी रे, बात दाय आयी। वै आपरी गाड़ी जोती अर पूगगा जायल। जायल में जिको जाट न्याव करतो हो, उंणारी गडाल में गिया। गाडी खोल अर बलदां ने पूलो निर्यो, जाय रां राम री करी, चौधरी सूं। पछे सुख समीं चार एसक दूजां ने किया अर बूज्झा। फैर कांनो आपरो आंवणारो कारण बतायो। किंण तरै सूँ झूमकूड़ी रो दूध पीयो। अबै किंम तरै रैवता हा। अबै किंण काम ाया हा। जाट सुण अर बात ने समझी। पिंण कीं समज में नीं आयी। क्यूंकै ईणां नै किया समझावूं ओर ईणां नै क्ये बतावूं। दूजी बात कै चोधारी ठाबो हो पिंण साठी माथै पूगगो हो। बोमोलो पड़गो, जितरेक में भंवराई बाबा नै बैपारी करांण तांणी आयी। बाबा नै मोलो पड़्योड़ो देख अर कराण बूझ्यो। जद चौधरी आपरी बेटी नें सगली बात बताई। भंबराई बोली :- बाबा ! न्याय तो म्हूँ अबार करदूं। थै बैपार रो। बाबा दाजी ह्वेगो अर बैपारो कर्यो। भंवराई तासली मांज, कांना सगली बात बूझी। पचै बूझ्यो :- कांना लुगाई थारा लारै आई जद, कितरा साल री ही ? कांनो कैवतो जिणसूं पैली झमकूड़ो कयो :- म्हूँ बीस वरस री ही ? कांनो नसड़ी रो ललको करयो। फेर भंवराई बूझ्यो :- अबा कितरा वरसां री है ? कांनो बोल्यो :- बीस अर तीन बरस री ही। भंवराई कयो :- जद थारै लारै आयी, तो इणरे दूध हो ? कानो कयो :- पैली तो दूध कोनी हो. भंवराई बूझ्यो :- जे आजतांणी आपरै बाप रै घरां कंवारी रैवती तो दूध ह्वे तो ? कांनो बोल्यो :- कोनी ह्वेतो। फैर भूझ्यो :- टाबर-टिंगर कंवारी रेवंती हो ह्वेता ? कांनो बोल्यो कोनी ह्वेता। अबार थारै क्यै टाबर है ? भंवराई बूझ्यो एक छोरो है, कांनो जवाब दियो। छोरो किंणरो बाजे ? भंवराई फैर बूझ्यो। कांनो बोल्यो :- छौरो तो म्हारो वाजै है। भंवराई बोली :- दूध, इंण छौरा रे भेलो ह्वियो के न्यारो ? कानो क्यो :- ह्वियो तो भेलोईज हो। भंवराई बोली जद छौरो थारो है तो दूधई थारो है। समझ्यो ! खातर, थूं झूमकूड़ी रो दूध पी अर कीं पाप नीं कर्यो। थारी लुगाई ही, अर रैवेली।
कानो अर झूमकड़ी, राजी खुसी आपरे घरां आया। झमकूड़ी नैन्या नैं हांचल देंवती ही। जितरेक में कांनो झमकूड़ी रे पाखती खांगो बैठ, गालड़ा रे आंगली री टिमकी देंवतो थको बोल्यो :- नैन्या री मां ! बो दूध किंणरो ? झमकूड़ी लाजां मरती, गु गटो निचो खैच्यो, मुलकती-मुलकती क्यो :- ईंया धौलै बैपारां पाखती बैठो, कोई देखलेसी तो ? कांनो बोल्यो :- देख लेसी तो क्यै ह्वियो। म्हूँ कोईं चोरी थोड़ीई करूं हूँ। म्हूँ तो बुझूं हूँ, कै बो दूध किंणरो ? झमकूड़ी होले सेक, मुलकती मुलकती बोली :- .............!!!!! मित्रों,,,,,,दूध किंणरो हैं बात थे कॉमेंट माय बतावौ.देखु दाणी थे किताक होशियार हौ ??
"
थाकी जाटनी"


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