इस महंगाई में खुशियों का
आशियाना बनाना महंगाई से भी महंगा है। इस बात में कोई दोराय नहीं पर आप अपने
आशियाने को अगर वास्तु के लिहाज से बनाएं तो खुशियां और बरकत आपके आशियाने को और
भी सुहाना बना बना सकतीं है।
1. जमीन कही भी हो और अगर
चौकोर, आयताकार, गोल, तिकोनी, तिरछी, पूर्व से कटी, नैऋत्य में बडी या वायव्य में
बडी हो, अग्निकोण बडा हो, ऐसी जमीन मुफ्त में भी मिले तो त्यागने योग्य है।
2.
ईशान यानी पूर्व-उत्तर दिशा वाला भाग बड़ा होना चाहिए। जमीन का ढलान पूर्व-उत्तर
में हो तो शुभ रहेगा। दक्षिण-पश्चिम में ढलान नहीं होना चाहिए। ईशान कोण में मुख्य
दरवाजा ठीक नहीं रहता। ईशान में शौचालय भी बर्बादी का कारण बनता है। स्नान घर हो
तो चल जाएगा।
3.सीढ़ियो
के नीचे मंदिर नहीं होना चाहिए। अमूमन जगह के उपयोग को देखते हुए ऐसे अधिकांश घरों
में मंदिर बना लेते हैं, जो गलत है। आग्नेय कोण में रसोई घर होना शुभ रहता है।
4.
आग्नेय-पश्चिम में शौचालय रखें। बडे-बुजुर्गों को सोने का स्थान नैऋत्य में होना
चाहिए। अविवाहितों को वायव्य दिशा ( जहां से वायु घर में प्रवेश करती है) में
सुलाएं तो विवाह शीघ्र हो। पढाई का स्थान उत्तर-पूर्व में हो व पूर्व या उत्तर की
तरह मुंह कर बैठे शुभ रहेगा। सुदृढ़ आर्थिक स्थिति के लिए उत्तर में अलमारी या
तिजोरी होना चाहिए।
5.
उत्तर दिशा में पानी रखना शुभ होता है। आग्नेय में पानी या बोरिंग नहीं होना
चाहिए। कोई भी कमरा तिरछा नहीं होना चाहिए। उत्तर-पूर्व में बगीचा शुभ रहेगा। वहीं
दक्षिण-पश्चिम में शुभ नहीं रहता। आग्नेय में देवालय व ईशान में रसोई बर्बादी का
कारण बनता है।
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