काफी अधिक लोग ऐसे हैं जो नियमित रूप से प्रतिदिन देवी-देवताओं का पूजन करते हैं। कुछ लोग घर पर ही पूजा करते हैं तो कुछ लोग मंदिर जाकर। पूजन के लिए कुछ ऐसे सामान्य नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान हमेशा रखना चाहिए। इन नियमों का पालन करने पर पूजा का पूर्ण फल भगवान की कृपा के रूप में प्राप्त होता है। देवी-देवताओं की प्रसन्नता से सभी दुख और बाधाएं दूर हो जाती हैं। यदि कुंडली में कोई दोष है तो वह भी दूर हो जाता है।
यहां जानिए पूजन में ध्यान रखने योग्य सामान्य नियम...
- पूजन में चावल विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं। पूजन के लिए ऐसे चावल का उपयोग करना चाहिए जो खंडित या टूटे हुए ना हो। चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला कर लेना चाहिए। पानी में हल्दी घोलकर उसमें चावल को डूबोकर पीला किया जा सकता है।
- पूजन में पान का पत्ता भी अर्पित किया जाता है। ध्यान रखें केवल पान का पत्ता अर्पित ना करें, इसके साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाना चाहिए। पूरा बना हुआ पान अर्पित करेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।
देवी-देवताओं के समक्ष घी और तेल, दोनों के ही दीपक जलाने चाहिए। यदि आप प्रतिदिन घी का दीपक घर में जलाएंगे तो घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे।
- किसी भी भगवान के पूजन में उनका आवाहन करना, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत, कुमकुम, चंदन, पुष्प, प्रसाद आदि अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
- देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से अवश्य धो लेना चाहिए।
घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
- किसी भी प्रकार के पूजन में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना आवश्यक है।
- पूजन में हम जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए। आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए।
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