धार्मिक नजरिए से आस्था रूपी भगवत प्रेम का रस भरे विश्वास के फूलों से तैयार भक्ति
की
माला को भावनाओं से ओतप्रोत भक्त जब फेरता है, तो उसका जीवन सुखों से निहाल हो
जाता है।
धर्म परंपराओं में देवी-देवताओं को चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्रियों में फूल अर्पित करने से
धर्म परंपराओं में देवी-देवताओं को चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्रियों में फूल अर्पित करने से
भी भगवान के प्रति श्रद्धा व समर्पण की ऐसी ही प्रेरणा जुड़ी है।
इस आस्था को अटूट व मजबूत बनाने रखने के लिए देवताओं को फूल समर्पित करने के
लिए
कुछ खास बातों को ध्यान रखना भी जरूरी बताया गया है। अगली स्लाइड पर जानिए क्या हैं
ये 3 खास बातें, जिन पर कई लोग अक्सर ध्यान नहीं देते-
देवी-देवताओं को चढ़ाएं जाने वाले फल, फूल और पत्तों का मुंह उगते वक्त मुंह ऊपर की
ओर
होता है। इसलिए भगवान को चढ़ाते वक्त भी इनका मुंह ऊपर की तरफ रखना चाहिए।
- फूल चढ़ाने का सही तरीका यही होता है कि दाएं हाथ की हथेलियां ऊपर उठी हों और
- फूल चढ़ाने का सही तरीका यही होता है कि दाएं हाथ की हथेलियां ऊपर उठी हों और
मध्यमा
यानी मिडिल फिंगर, अनामिका यानी रिंग फिंगर और अंगूठे से फूल चढ़ाएं।
- नित्य चढ़े हुए फूलों को फिर से देव मूर्ति से उतारने के लिए फूलों को अंगूठे और तर्जनी
- नित्य चढ़े हुए फूलों को फिर से देव मूर्ति से उतारने के लिए फूलों को अंगूठे और तर्जनी
यानी इंडेक्स फिंगर की मदद से ही उतारना चाहिए।
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