हिन्दू धार्मिक परंपराओं में देवी उपासना के लिए अपनाए जाने वाले खान-पान, रहन-सहन, संयम और अनुशासन असल में, तन व मन को ऐसी शक्ति, ऊर्जा और विश्वास देते हैं, जिससे इंसान निरोगी होकर लंबी आयु, सुख और वैभव को पाता है।
शास्त्रों में देवी उपासना के कुछ विशेष मंत्र का स्मरण खास तौर पर तन के साथ मन व आर्थिक रूप से भी शक्ति संपन्न बनाने वाले माने गए हैं।
यहां बताया जा रहा देवी मंत्र खासकर शुक्रवार के विशेष काल में ऐसी कामनाओं की सिद्धि में बहुत असरदार माना गया है। जानिए, यह देवी मंत्र उपाय-
- इस मंत्र जप के पहले देवी की पूजा पारंपरिक पूजा सामग्रियों से जरूर करें, जिनमें गंध, फूल, वस्त्र, फल, नैवेद्य शामिल हो। इतना भी न कर पाएं, तो धूप व दीप जलाकर भी इस मंत्र का ध्यान कर आरती करना बहुत शुभ माना गया है-
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
- धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार, नवरात्रि व नवमी के अलावा हर रोज ही इस मंत्र का यथासंभव 108 बार जप तन, मन व स्थान की पवित्रता के साथ करने से संक्रामक रोग सहित सभी गंभीर बीमारियों का भी अंत ही नहीं होता, बल्कि घर-परिवार भी सुख-समृद्ध हो जाता है।
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