Thursday, 8 May 2014

इन मंत्रों से लक्ष्मी व नारायण होंगे प्रसन्न, बढ़ाएंगे बरकत

2 को इन मंत्रों से लक्ष्मी व नारायण होंगे प्रसन्न, बढ़ाएंगे बरकत

हिन्दू पंचांग का दूसरा माह वैशाख में भगवान विष्णु की उपासना का महत्व है। इसी शुभ काल के शुक्ल पक्ष में आने वाली अक्षय तृतीया (2 मई) महालक्ष्मी पूजा की भी शुभ घड़ी है। पौराणिक प्रसंगों के मुताबिक धन और ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी विष्णु पत्नी हैं।
 
अक्षय तृतीया पर चूंकि देव पूजा, दान, धर्म, जप, तप, शुभ और मंगल कार्य सभी अनन्त पुण्य देकर मनोरथ पूरे करने वाले भी माने गए हैं। यही वजह है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी की पूजा और मंत्र जप धन से जुड़ी समस्याओं के हल के साथ ही कलह और अशांति भी दूर करने वाले सिद्ध होते हैं।
 
इस शुभ दिन कोई इंसान अगर नौकरी या कारोबार के चलते आस्था और इच्छा होने पर भी देव पूजा के लिए ज्यादा वक्त निकाल पाए या पूजा और मंत्रों की अधिक जानकारी नही रखता है तो ऐसे लोगों के लिए यहां बताए जा रहे हैं बेहद आसान मंत्र, जिनको बोलकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी की सामान्य पूजा करने पर भी आपके घर-परिवार से  दरिद्रता ही दूर नहीं होगी, बल्कि भरपूर आमदनी बचत की बाधा दूर होगी। 


                           2 को इन मंत्रों से लक्ष्मी व नारायण होंगे प्रसन्न, बढ़ाएंगे बरकत

अक्षय तृतीया पर पूजा से पहले किसी पवित्र नदी में या उसके जल से स्नान करें।
 
- घर या देवालय में भगवान विष्णु की पूजा गंध, पीले फूल, पीला रेशमी वस्त्र चढ़ाएं, इसी तरह महालक्ष्मी पूजा में लाल गंध, लाल फूल, लाल चुनरी अर्पित करें।
 
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को मौसमी फल या मिठाई का यथाशक्ति भोग लगाएं।
 
- पूजा के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए इन बेहद सरल मंत्रों का जप करें। यही मंत्र आप पूजा के दौरान सामग्री चढ़ाते वक्त भी बोल सकते हैं-
 
लक्ष्मी मंत्र
 
महालक्ष्म्यै नम:
 
विष्णु मंत्र
 
विष्णवे नम:
 
- पूजा और मंत्र जप के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती कर सुख-समृद्धि की कामना करें।

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