Thursday, 8 May 2014

बुधवार को सिंदूर से यह उपाय तंगहाल को भी कर देता है खुशहाल


शास्त्र कहते हैं 'कलीचण्डौ विनायक' यानी कलियुग में चण्डी(देवी) और विनायक की उपासना जल्द मनचाही सिद्धि और शुभ फल और प्रदान करती हैं। शास्त्र ही इससे जुड़ी वजह भी प्रकट करते है कि कलियुग में मन-वचन और कर्मों में हावी क्लेश का अंत करने के लिए सुख-सौभाग्य शक्ति जरूरी है। इसलिए दुर्गतिनाशिनी दुर्गा के साथ सौभाग्यदाता विघ्नहर्ता गणेशजी की शरण लेना बड़ा ही मंगलकारी होता है। 

बुधवार वरदाता भगवान गणेश की शरणागति से जीवन में मन कर्म की दरिद्रता मलीनता से छुटकारा पाने का ऐसा ही शुभ दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन गणेश की प्रसन्नता के लिए कुछ आसान उपाय शीघ्र संताप कलह का अंत कर सुख-समृद्धि की कामना को पूरी करने वाले माने गए हैं। 

सुख-सौभाग्य शांति पाने के इन उपायों में ही एक है- भगवान गणेश की सिंदूर प्रतिमा पर शुद्ध गाय का घी और सिंदूर लगाना या चोला चढ़ाना। साथ ही विशेष रूप से दूर्वा अर्पित कर गुड़ से बने मोदक का भोग लगाएं। 

- इस विशेष उपाय को करते वक्त नीचे लिखे मंत्र से गणेश के सुख-सौभाग्य के प्रतीक सिंदूरी रंग के स्वरूप का ध्यान करें। मान्यता है कि शिव अंश होने से सिंदूर गणेश को भी बहुत प्रिय है-
 
खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लंबोदरसुन्दरम्। 
प्रस्यन्दन्मदगंधलुब्धमधुपाया लोलगण्डस्थलम्।।
दन्ताघातविदारितारिरूधिरैं सिंदूरशोभाकरम्।
वन्दे शैलसुतासुतं गणपिति सिद्धप्रदम् कामदम्।। 

- अंत में धूप-दीप आरती करें और मोदक का प्रसाद ग्रहण करें सिंदूर मस्तक पर लगाएं और सिंदूर का स्वस्तिक घर के किसी पवित्र स्थान पर बनाएं।
        

                   

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